वैसे तो काशी तीर्थनगरी की हर नदी, कुंड, तालाब को ही जलतीर्थ की मान्यता मिली हुई है। इसी में से एक लोलार्क कुंड भी है। जहां नि:संतान दंपती आस्था और विश्वास की डुबकी लगाते हैं। भादो माह की षष्ठी तिथि को इसी मान्यता के साथ स्नान करने पहुंचते हैं। इस वर्ष सूर्य षष्ठी पर 9 सिंतबर को लोलार्क कुंड में डुबकी लगाने के लिए आस्था का जन सैलाब उमड़ेगा। अस्सी के भदैनी स्थित प्रसिद्ध लोलार्क कुंड पर आस्था का मेला गुलजार होगा।
काशी के लक्खा मेलों में शुमार लोलार्क षष्ठी पर स्नान की मान्यता है कि संतान प्राप्ति की कामना लेकर आने वाले दंपतियों की मनोकामना लोलार्केश्वर महादेव पूरी कर देते हैं। स्नान की तैयारियों में जिला व पुलिस प्रशासन जुटा है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को लोलार्क कुंड में स्नान के लिए दंपती प्रयागराज, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, बंगाल, नेपाल सहित आसपास के जिलों से काशी पहुंचेंगे।
वही जहा एक ओर तमाम तैयारियां की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर बारिश में श्रद्धालु ऐसे ही भीग रहे हैं उनके लिए प्रशासन से कोई सहायता नहीं है।