ई-रिक्शा पर लगाए गए क्यूआर कोड, दूसरी ओर ई-रिक्शा चालकों का विरोध जारी

वाराणसी कमिश्नरेट में मंगलवार से ई-रिक्शा के नई यातायात प्रणाली लागू हुई। अब शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा निर्धारित रूट पर QR कोड लगाकर चलेंगे। काशी जोन के आदमपुर, जैतपुरा, कोतवाली, चेतगंज, सिगरा, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा, भेलूपुर, लंका और चितईपुर थाना क्षेत्र मे लाल, पीले, हरे और नीले रंग के क्यूआर कोड तैयार किए गए हैं।

ट्रैफिक पुलिस लाइन में सीपी मोहित अग्रवाल, डीएम एस. राजलिंगम ने क्यूआर कोड लगाकर नई यातयात प्रणाली की शुरुआत की । इस दौरान एसीपी चिनप्पा, डीसीपी ट्रैफिक देश कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय, एआरटीओ श्यामलाल, एसीपी ट्रैफिक गौरव कुमार मौजूद रविर

वही रूट बांटने के विरोध में अखिल भारतीय ई रिक्शा चालकों की हडताल रही। अखिल भारतीय ई रिक्शा चालक यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी का अनशन भी जारी रहा। अखिल भारतीय ई रिक्शा चालक यूनियन ने 11 सितंबर को शास्त्री घाट से हजारों की तादाद में प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर ई रिक्शा की चाबी प्रधानमंत्री को वापस करने का निर्णय लिया है । सभी ई रिक्शा चालकों का कहना है कि अगर क्यू आर कोड लगवा दिया तो गलियों और मुहल्लों मे गाड़ी चलानी पडेगी।यातायात विभाग पुलिस और होमगार्ड के द्वारा जबरन ई रिक्शा चालकों को बारकोड लगवाने के लिए ले जा रहे। जो कि गैरकानूनी है संविधान किसी प्रशासनिक अधिकारी को इसकी इजाजत नहीं देता।

इसी कड़ी मे ई रिक्शा चालकों ने बताया की मेरा ई रिक्शा लोन पर है और हम लोग इसका लोन नहीं जमा कर पा रहे हैं । ई रिक्शा चालकों के हड़ताल से आने जाने वाले सैलानियों को आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।

ऐसे में जो जनता बनारस घूमने आई है उनको कहीं आने-जाने के लिए साधन नही मिल रहा है ।वहीं दूसरी तरफ लोलार्क कुंड के स्नान में आए हुए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा ।






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