दिल्ली के आभूषण कारोबारी ने वाराणसी में की आत्महत्या, पहले मां को दी नींद की गोली, फिर उन्हीं के दुपट्टे का बनाया फंदा

वाराणसी में दिल्ली के ज्वैलर कारोबारी ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना भेलूपुर थाना से महज 50 मीटर दूर एक होटल की है। ज्वैलर्स शाहिल मलिक मां के साथ दिल्ली से दर्शन करने वाराणसी आया था। दोनों एक रूम में एक ही बेड पर लेटे। फांसी लगाने से पहले शाहिल ने मां को नींद की ज्यादा डोज वाली दवा दी।

जब मां गहरी नींद में सो गई तो उसी के दुपट्‌टे से फंदा बनाया। कुर्सी बेड पर रखी और पंखे से फंदा लगाकर मां के बगल ही फांसी पर झूल गया। नींद की दवा के असर से मां अभी बेसुध है। पुलिस को ज्यादा कुछ बता नहीं सकी। ज्वैलर्स ने दिल्ली में कई लोगों से करीब 50 लाख रुपए उधार ले रखे हैं। इसी वजह से उसने सुसाइड किया है।

मां ने करवट ली तो लटके बेटे का पैर टकराया

सुबह 6 बजे जब मां ने करवट ली तो लटक रहे बेटे का पैर उनकी शरीर से टच हुआ। आंख खुली तो देखा कि बेटा फंदे से झूल रहा था। होटल रिसेप्शनिस्ट के मुताबिक, करीब 6 बजे सुबह महिला लड़खड़ाते और जोर-जोर चिल्लाते हुए रिसेप्शन पर पहुंची। होटल कर्मचारी ने उनसे वजह पूछी तो कमरे की ओर इशारा करने लगी। रूम नंबर 204 में स्टाफ पहुंचा तो देखा महिला के साथ आया उसका बेटा फांसी के फंदे पर लटका था।

रात 1 बजे मां के साथ होटल पहुंचा

इतने में उसकी मां बेड पर बैठी और बेसुध हो गई। इसके बाद होटल स्टाफ ने पुलिस बुलाई। पुलिस ने महिला से पूछताछ की तो वह ज्यादा कुछ बोल नहीं सकी। पुलिस को उसने कुछ ही बातें बताई हैं। महिला को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के करोलबाग निवासी शाहिल मलिक अपनी मां प्रेणा मलिक के साथ रात 1 बजे वाराणसी पहुंचा। उन्होंने रजिस्टर में बरेली जाने की बात लिखी थी।

40-50 लाख रुपए कई लोगों से कर्ज ले रखा था

भेलूपुर थाना प्रभारी विजय शुक्ला ने बताया- करोलबाग थाने के पास शाहिल की ज्वैलरी की दुकान है। वहां उसने 40-50 लाख रुपए कई लोगों से कर्ज ले रखे हैं। दो दिन पहले घर से वाराणसी के लिए निकले। मंगलवार आधी रात वाराणसी पहुंचे। ई-रिक्शा वाले से बोला कि मंदिर दर्शन करा दो। जब ई-रिक्शा वाले ने बताया कि इतनी रात में मंदिर बंद हो गया है तो वह बोला कि चलो बाहर से दर्शन कर लेंगे।

सुसाइड से पहले मंदिर के बाहर हाथ जोड़कर प्रार्थना की

शाहिल की मां ने पुलिस से बताया कि ई-रिक्शा चालक उन दोनों को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास लेकर पहुंचा तो शाहिल गोदौलिया चौराहे के पास रोड पर रुक गया। यहां उसने बाबा विश्वनाथ मंदिर की ओर हाथ जोड़कर प्रार्थना की। फिर दुर्गा मंदिर आया। यहां भी बाहर से ही हाथ जोड़कर प्रार्थना किया। फिर भेलूपुर में होटल आए।

पास से 4-5 फर्जी आईडी पुलिस को मिली

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि शाहिल 'होटल श्री हरि कृपा रेजिडेंसी' पहुंचा। यहां उसने फर्जी नाम-पता की आईडी देकर रूम बुक कराया। होटल लेने के बाद रात करीब डेढ़ बजे शाहिल मां को रूम पर छोड़कर बाहर निकला। चाय पीकर थोड़ी देर में वापस आया। जब मां सो गई तो फांसी लगा ली। शाहिल ने गौरव वर्मा नाम की आईडी दी थी। उसके पास से खुद और मां की 4-5 फर्जी आईडी भी मिली हैं।


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