रामनगर की रामलीला की राजगद्दी की लीला संपन्न होने के बाद श्रृद्धालु रामनगर किले पर कतारबद्ध हो गए । श्रद्धालु सुबह 9 बजे के बाद द्वार खुलने पर किले के दक्षिणी छोर पर स्थित काले हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन मे जुट गये । साल में एक बार खुलने वाले इस मंदिर में दर्शन को दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।जानकारी के अनुसार हनुमान जी की यह प्रतिमा मंदिर में खुदाई के दौरान मिली थी। उस समय के विशेषज्ञों ने इसे त्रेता युग का बताया था।
रामनगर की रामलीला के अंतिम दिन राजगद्दी की झांकी के बाद रामनगर के किले में श्रद्धालुओं को सीमित समय के लिए काले हनुमान जी के दर्शन मिलते हैं। दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। दर्शन कर भक्त खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं क्योंकि इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि यह पूरी दुनिया में मौजूद काले हनुमान जी को मूर्तियों में से सबसे अलौकिक है।