वाराणसी के 14 देवालयों से साईं प्रतिमा हटाने के विवाद में संलग्न सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को बुधवार की सुबह जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें मंगलवार को चौक थाने में दर्ज क्राइम नंबर 100/24 में स्पेशल CJM की कोर्ट ने जमानत दी थी। जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई के लिए जेल को शाम में आदेश भेजा गया था, जिसके बाद बुधवार को उन्हें चौकाघाट जिला कारागार से रिहा किया गया।
अजय शर्मा को 3 अक्टूबर को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनकी अंतरिम अग्रिम जमानत की अर्जी सोमवार को प्रभारी जिला जज ने सुनी थी, और अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की गई थी।
मंगलवार को स्पेशल CJM की अदालत में अजय शर्मा के वकील विवेक शंकर तिवारी ने तीखी बहस की। उन्होंने कोर्ट में बताया कि पुलिस रिमांड के लिए आवश्यक नोटिस नहीं दे पाई थी, और इस आधार पर रिमांड पर आपत्ति जताई। विवेक शंकर तिवारी ने पुरानी सीआरपीसी की धारा 41(a) और वर्तमान बीएनएस की धारा 35(3) का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस को रिमांड के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था।
अंततः, कोर्ट ने अजय शर्मा की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए 25-25 हजार की दो जमानत पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उन्हें बुधवार की सुबह रिहा किया गया।
वाराणसी में बुधवार को एक युवक की लाश पेड़ से लटकती हुई मिली, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान को सूचना दी, जिसने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
चोलापुर एसओ, ईश्वर दयाल दुबे, ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और फोरेंसिक टीम को बुलाया। शव की पहचान में जुटी पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह का पता चलेगा।
मृतक की पहचान सूरज कुमार गौंड (35) के रूप में हुई है, जो आजमगढ़ के तरवां का निवासी था और फर्नीचर का कारीगर था। वह चोलापुर के उदयपुर-चंदापुर में किराए के मकान में रह रहा था। उसके साले ने सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर उसकी पहचान की।
मृतक के साले ने हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल, पुलिस मृतक के साले और ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है, ताकि मौत की वजह का पता लगाया जा सके। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की जांच की है और मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है।