उदित होते भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही डाला छठ महापर्व का समापन हो गया। भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए पूजन अर्चन कर 36 घंटे का निर्जला उपवास व्रती महिलाओं द्वारा पूरा किया गया। भोर से ही काशी के गंगा घाट पर चहल-पहल बढ़ गई गीत गाते महिलाएं घाट किनारे पूजन स्थल पर पहुंच गए।
आसमान में हल्की लालिमा छाते ही महिलाएं आधे जल में खड़े होकर भगवान भास्कर के उदित होने का आवाहन करते हुए पूजन अर्चन करने लगी छठ मैया की महिमा का बखान करते हैं गीत गूंजते रहे और जैसे ही भगवान भास्कर की पहली किरण प्रस्फुटित हुई चारों ओर छठी मैया के गगन भेदी जयकारे गूंज उठे आतिशबाजी के बीच अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हुआ।
व्रती महिलाएं हाथ में सूप लिए जिसमें सभी पूजन और प्रसाद की सामग्री के साथ छठ माता का विधिवत पूजन किया और मन से सुख समृद्धि की कामना की। काशी के गंगा घाट पर इतना सुंदर नजारा रहा की हर कोई इसे अपने कमरे में कैद करता नजर आया महिलाओं द्वारा इस पर्व के महत्व के विषय में जानकारी दी गई वही घाटों पर लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर प्रबंध किए गए थे फोर्स तैनात रही जल में बैरिकेटिंग रही इसके साथ ही जल पुलिस भी मुस्तैद रही।
इसी कड़ी में श्री सारंगनाथ छठ पूजा समिति के तत्वाधान में छठ पूजा का महापर्व मनाया गया इस पर्व में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए सारंगनाथ शिव मंदिर के कुंड में हजारों की संख्या में महिलाएं सूर्य भगवान और छठ माता का पूजन किया। और अपने परिवार की सुख और शांति की मनोकामना मांगी।
श्री सारंगनानाथ छठ पूजा समिति के अध्यक्ष ऋषि नारायण , मनोहर यादव विनोद पांडे ,विपिन पांडे व तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।