बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के छोटे से गांव उलिहातू में एक सामान्य परिवार में हुआ था. बिरसा मुंडा के माता-पिता नागपुर पठार क्षेत्र की मुंडा जनजाति से आते थे और परिवार की स्थिति काफी खराब थी.
इसी कड़ी में आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में "जनजातीय गौरव दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें भगवान बिरसा मुंडा जी के विषय में लोगों ने अपनी अपनी जानकारी को साझा किया और कितनी कठिनाइयों का सामना करते हुए लोगों को इकट्ठा किया 1875 में कितना गरीबी रही और लोगों से संचार के माध्यम भी बहुत कम हुआ करते थे
उस समय लोगों को इकट्ठा कर इस तरह की गौरव गाथा लिखने वाले भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर लोगों ने प्रकाश डाला आज भगवान बिरसा मुंडा के जयंती के इस शुभ अवसर पर सैकड़ो की संख्या में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र और अध्यापक स्वतंत्रता भवन में इकट्ठा हुए