बाबू जगत सिंह से संदर्भित नया शिलापट्ट लगाए जाने पर दिया गया धन्यवाद

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू जगत सिंह शोध समिति के अथक परिश्रम और देश के विभिन्न प्रदेशों से शैक्षणिक जगत के सम्मानित विभूतियां द्वारा लिखे गए पत्र के परिणाम स्वरुप, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, नई दिल्ली ने सारनाथ स्थित धर्मराजिका स्तूप शिलापट्ट से ब्रिटिश हुकू‌मत द्वारा उल्लिखित बाबू जगत सिंह से संदर्भित गलत तत्वों को संशोधित कर नया शिलापट्ट लगाया है। यह शिलापट्ट बाबू जगत सिंह का ही नहीं वरन स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सभी शहीदों का सम्मान है। काशी की जनता का सम्मान है। साथ ही शोध समिति के संघर्ष का सम्मान है। उपरोक्त बातें समिति के संरक्षक बाबू प्रदीप नारायण सिंह ने जगतगंज कोठी में पत्रकार वार्ता के अंतर्गत कहीं। शोध समिति के सदस्य डॉ (मेजर) अरविंद कुमार सिंह ने इस स्तुत्य कार्य की सराहना करते हुए कहा "यह शिलापट्ट उन शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि है, जिनकी शहादत गुमनामियों के अंधेरों में आज भी गुम है।"

इस अवसर पर समिति के संरक्षक बाबू प्रदीप नारायण सिंह ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली तथा देश के धर्माचार्यो इतिहासकारो विद्धयतजनो समाजसेवियों मीडिया जगत व अन्य सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया, उन्होंने गाइड एसोसिएशन के अखिलेश कुमार, अध्यक्ष, टी.जी.ए, राजेंद्र पांडे राजेश्वर सिंह विक्रम मेहरोत्रा को अंग वस्व तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।जगतगंज कोठी में इस अवसर पर शोध समिति के सदस्य त्रिपुरारी शंकर, डॉ राम सुधार सिंह, राणा पी.वी. सिंह, अरविंद कुमार सिंह (एडवोकेट), राजेंद्र कुमार दुबे, विकास, शमीम तथा अमित उपस्थित रहे।








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