दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व विख्यात मां गंगा की आरती सोलह दिनों बाद अपने पारंपरिक स्वरूप में हुई। महा कुंभ के पलट प्रवाह को देखते हुई मां गंगा की आरती सांकेतिक रूप से हो रही थी। गंगा सेवा निधि द्वारा सात अर्चक नियमित पारंपरिक स्वरूप में मां गंगा की आरती सम्पन्न करते हैं।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा द्वारा बताया गया कि गंगा सेवा निधि द्वारा आरती स्थल के आस पास ओर भीड़ वाले क्षेत्रों में अलग-अलग पॉइंट पर वॉलिंटियर की संख्या बढ़ाई गई है। दर्शनार्थियों के सुरक्षा के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए गए।
बताते चले पिछले कई दिनों से प्रयागराज महाकुंभ से लाखों श्रद्धालुओं के काशी पलट प्रवाह से घाटों पर बढ़ी भीड़ को देख सुरक्षा कारणों से गंगा आरती का स्वरूप सांकेतिक कर दिया गया था। जिससे घाट पर भगदड़ की स्थिति न होने पाए। महाकुंभ के समापन के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने पर फिर से गंगा आरती को भव्य स्वरूप दिया गया।