वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है और यह अब चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) के बेहद करीब, 70.14 मीटर तक पहुंच चुका है। इससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा गंभीर हो गया है। रविवार दोपहर घाटों से निकलकर पानी कॉलोनियों की ओर बढ़ता दिखा, जिससे लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई। गंगा का उफान थमता नहीं दिख रहा और वरूणा नदी का जलस्तर भी इसी के चलते लगातार बढ़ रहा है।सामने घाट का मारुति नगर इलाका बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हो गया है। यहां नाले से गेट टूटने की वजह से करीब दो किलोमीटर अंदर तक पानी घुस गया, जिससे सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी भर गया।
जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए बड़े पंप लगाकर पानी की निकासी शुरू कर दी है, वहीं बाढ़ राहत शिविरों में अब तक 672 लोग शरण ले चुके हैं और 801 लोग अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। कुल 317 परिवार विस्थापित हुए हैं।जिला प्रशासन ने बाढ़ के मद्देनजर 46 विद्यालयों को बाढ़ चौकी में तब्दील कर दिया है, जहां बाढ़ प्रभावितों के लिए भोजन-पानी और रहने की व्यवस्था की जा रही है। 10 हजार से ज्यादा छात्रों को अन्य विद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा।अस्सी घाट और कई अन्य प्रमुख घाट जलमग्न हो चुके हैं। सदर तहसील के रामपुर ढाब, सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, ढेलवरिया, हूकुलगंज, बड़ी बाजार, कोनिया आदि इलाके बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। राहत के लिए कुल 46 बाढ़ राहत शिविर सक्रिय किए गए हैं।