स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में वाराणसी ने मारी लंबी छलांग, बेस्ट गंगा टाउन में एक स्थान नीचे फिसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में 41वें स्थान से छलांग लगाते हुए देशभर में 17वां स्थान प्राप्त किया है। हालांकि, ‘बेस्ट गंगा टाउन संरक्षण सिटी’ की रैंकिंग में बनारस इस बार एक पायदान नीचे फिसलकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। लगातार तीन वर्षों तक इस कैटेगरी में पहले स्थान पर रहने के बाद वाराणसी को अब प्रयागराज ने पीछे छोड़ दिया है। नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार के अनुसार, वाराणसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 24 स्थानों की बढ़त हासिल की है। वर्ष 2023 में शहर 41वें स्थान पर था, जबकि 2024 में 17वें पायदान पर पहुंच गया। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय नगर निगम की मेहनत, आम जनता की भागीदारी और बेहतर फील्ड निरीक्षण को दिया।‘बेस्ट गंगा टाउन संरक्षण सिटी’ सर्वे में इस बार वाराणसी को दूसरा स्थान मिला है। 

संदीप कुमार ने बताया कि इससे पहले बनारस लगातार तीन साल तक पहले स्थान पर बना रहा था। इस वर्ष प्रयागराज ने बाजी मारी है। उन्होंने कहा कि हम इस गिरावट की समीक्षा करेंगे और 2025 में फिर से नंबर वन बनने का लक्ष्य है।(NCAP) के तहत हुए मूल्यांकन में वाराणसी को क्लीन एयर कैटेगरी में 100 में से 100 अंक मिले हैं, जो कि शहर की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार का संकेत है। महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि वाराणसी की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार जनता की भागीदारी, निगम के लगातार निरीक्षण और बेहतर प्रबंधन का परिणाम है। उन्होंने नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि गंगा टाउन में एक स्थान पीछे जाना निराशाजनक है, लेकिन हम इसकी समीक्षा कर जल्द ही सुधार करेंगे।स्वच्छता सर्वेक्षण के पुरस्कारों की घोषणा नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मौजूदगी में की गई। इस अवसर पर 75 शहरों को 74 अवॉर्ड दिए गए। इंदौर ने फिर पहला स्थान हासिल किया, जबकि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद सबसे स्वच्छ शहर बना।केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि अब स्वच्छता में आगे रहने वाले शहर कम रैंक वाले शहरों को ट्रेनिंग देंगे। इसके लिए ‘ईच वन क्लीन वन’ नाम से नई योजना शुरू की जा रही है। यह पहल ‘स्वच्छ भारत’ को ‘समृद्ध भारत’ में बदलने की दिशा में एक और कदम होगी।

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