धर्म और आस्था की नगरी काशी, जहां के सांसद स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। प्रधानमंत्री जी ने अपने प्रथम काशी आगमन पर स्वच्छ और सुंदर काशी का नारा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने समाज को प्रेरित करने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी संदेश दिया। लेकिन इन नारों और संकल्पों के विपरीत काशी के सुंदरपुर क्षेत्र की स्थिति बेहद दयनीय और उपेक्षित है।सुंदरपुर स्थित राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थान पूरे प्रदेश की हजारों मेधावी बेटियों के भविष्य को संवारे जाने का केंद्र है। यहां छात्राओं को प्रोफेशनल कोर्स की शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन विडंबना यह है कि जिस संस्थान से बेटियों का भविष्य उज्जवल होना चाहिए, वहीं जाने के लिए उन्हें गंदगी, बदबू और अव्यवस्था से होकर गुजरना पड़ता है।क्षेत्रीय नागरिक ज्योतिन श्रीवास्तव ने बताया कि इस क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लोगों ने कई बार आवाज उठाई है, किंतु यहां के पार्षद राजकुमार गोंड और विधायक सौरभ श्रीवास्तव केवल चुनाव के समय ही जनता के बीच दिखाई देते हैं। चुनाव बीतते ही वे क्षेत्र की परेशानियों से पूरी तरह अनजान बने रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 35 वर्षों से इसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
स्थिति इतनी भयावह है कि सड़क पर ही गायें बंधी रहती हैं और उनके बीच से होकर ही छात्राओं व महिलाओं को गुजरना पड़ता है। दुर्गंध से बचने के लिए उन्हें मुंह पर रूमाल बांधकर जाना पड़ता है। यही नहीं, क्षेत्र में मौजूद खाली प्लॉट में हमेशा गंदा पानी जमा रहता है। लोग वहीं गंदगी फेंकते हैं और मृत जानवरों को भी उसी में डाल देते हैं। नतीजतन बदबू, मच्छर और बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है।स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि इस गंदगी के कारण उनके घरों में आने वाला पानी भी दूषित हो चुका है। बार-बार शिकायतें करने के बावजूद किसी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। नागरिकों ने पार्षद और विधायक से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक अपनी समस्या दर्ज कराई, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।ऐसे में एक ओर जहां बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता की बातें की जाती हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी राहों में गंदगी, उपेक्षा और लापरवाही खड़ी है। क्षेत्रीय जनता का कहना है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।