चीन ने बनाया दुनिया का पहला पानी के नीचे डाटा सेंटर, तकनीकी दुनिया में रचा इतिहास

चीन ने तकनीकी क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करते हुए दुनिया का पहला बड़े पैमाने पर अंडरवॉटर डाटा सेंटर (Underwater Data Centre – UDC) बनाने का पहला चरण पूरा कर लिया है। यह अत्याधुनिक डाटा सेंटर शंघाई के Lin-gang Special Area में स्थित है।इस अंडरवॉटर डाटा सेंटर की सबसे बड़ी खासियत इसका इनोवेटिव कूलिंग सिस्टम है, जो समुद्र के ठंडे पानी का उपयोग सर्वरों को ठंडा रखने के लिए करता है। इससे न केवल बिजली की खपत में भारी कमी आती है, बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाला असर भी घटता है।करीब 226 मिलियन डॉलर (लगभग ₹1,885 करोड़) की लागत वाला यह प्रोजेक्ट चीन की तकनीकी क्षमता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रोजेक्ट पारंपरिक डाटा सेंटर्स की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और बिजली की खपत कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है।चीन के इस अंडरवॉटर डाटा सेंटर में एक साथ हजारों सर्वर काम करेंगे। समुद्र के प्राकृतिक तापमान से ठंडक मिलने के कारण यह केंद्र ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ दोनों है।विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट भविष्य में डाटा सेंटर्स के संचालन का तरीका बदल सकता है। 

पारंपरिक सेंटर्स की तुलना में यह मॉडल न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगा, बल्कि समुद्री संसाधनों का संतुलित उपयोग भी सुनिश्चित करेगा।जानकारों के मुताबिक, यह कदम चीन को टिकाऊ तकनीकी समाधान विकसित करने में अग्रणी बना सकता है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने स्कॉटलैंड में सीमित स्तर पर एक प्रायोगिक अंडरवॉटर डाटा सेंटर तैयार किया था, लेकिन चीन ने इसे व्यावसायिक स्तर पर बड़े पैमाने पर लागू करने वाला पहला देश बनकर वैश्विक स्तर पर इतिहास रच दिया है।



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