वाराणसी में बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष इंद्रदेव मिश्रा के बेटे नीरज मिश्रा की हत्या के मामले में विशेष न्यायालय ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नीरज मिश्रा एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने शराब का सेवन किया था। इसी दौरान किसी ने उनके गिलास में जहर मिला दिया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाते समय मृत घोषित कर दिया गया। जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे आर्थिक और जमीन विवाद था। नीरज ने आरोपी पूनम मिश्रा के साथ जमीन सौदे के तहत लगभग 29 लाख रुपये दिए थे, जो लेकर जमीन न मिलने पर उन्होंने मुकदमा कर दिया था। नाराज आरोपी और उनके साथियों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई थी।
विशेष न्यायाधीश ने मामले में दोषी पाए गए पूनम मिश्रा, भूपेंद्र नाथ तिवारी, प्रमोद त्रिपाठी और नरेंद्र त्रिपाठी उर्फ शिब्लू को आजीवन कारावास की सजा और प्रत्येक पर ₹1,00,000 का अर्थदंड लगाया। अदालत ने कहा कि अभियोजन ने ठोस साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अपराध साबित किया।
यह फैसला यह स्पष्ट करता है कि पूर्व नियोजित हत्या को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्याय हमेशा मिलता है। मामले में दोषियों की अपील की संभावना बनी हुई है, जबकि पीड़ित परिवार को राहत और अर्थदंड राशि मिल सकती है।

