मैथिल समाज, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित 15वां दो दिवसीय कवि कोकिल विद्यापति महोत्सव इस वर्ष 13 और 14 दिसंबर को नागरी प्रचारिणी सभा, विशेश्वरगंज में मनाया जाएगा। प्रेसवार्ता में संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बार महोत्सव का प्रमुख आकर्षण मिथिला की पारंपरिक पहचान—पाग, माछ, पान और मखाना के विशेष स्टॉल होंगे। साथ ही मिथिला पेंटिंग, सिक्की पेंटिंग और साहित्य प्रदर्शनी भी लोगों को आकर्षित करेगी।
महोत्सव का उद्घाटन वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी करेंगे, जबकि मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री व विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नाटक के ख्यात शिक्षाविद सत्यनारायण मजूमदार तथा स्वागाध्यक्ष की भूमिका बीएचयू के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अशोक कुमार ज्योति निभाएंगे।महोत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को मिथिला श्री, मिथिला रत्न, मिथिला विभूति और यूथ आइकॉन सम्मान से नवाज़ा जाएगा। पहले दिन दिल्ली की लोकप्रिय लोकगायिका डॉ. सुष्मिता झा, वाराणसी के गायक धीरज मिश्रा और सोनभद्र के अभिषेक मिश्रा मस्ताना अपनी प्रस्तुतियां देंगे। दरभंगा की नंदिनी चौधरी ‘जय जय भैरवी’ की प्रस्तुति देंगी और मधुबनी की पूजा मिश्रा प्रसिद्ध लोकनृत्य जटजटिन प्रस्तुत करेंगी। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु होंगे, जबकि स्टाम्प एवं निबंधन राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ‘मिथिला मोद’ पत्रिका का लोकार्पण करेंगे।
दूसरे दिन सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक डॉ. विजय कपूर, डॉ. इंद्रदेव चौधरी, रांची की गायिका ज्योति मिश्र और डॉ. जितेंद्र मिश्र सुगम संगीत की प्रस्तुतियां करेंगे।सुरभि सुंदरि और बृष्टि चक्रवर्ती के निर्देशन में मिथिला के लोकनृत्य—डोमचक, समाचकैबा और डाला छठ पर आधारित प्रस्तुतियां होंगी, जबकि योगगुरु प्रिया जायसवाल के निर्देशन में योग-आधारित गणेश वंदना और राम–सीता विवाह की झांकी सजाई जाएगी। महोत्सव में साहित्य, चित्रकला और संगीत के साथ मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की त्रिवेणी बहने वाली है। प्रेसवार्ता में संस्था के अध्यक्ष निरसन कुमार झा, सचिव दास पुष्कर और कार्यक्रम संयोजक गौतम कुमार झा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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