मां भगवती की आराधना के विशेष पर्व चैत्र नवरात्र का प्रारंभ होते ही बाबा भोले की नगरी काशी मां भगवती की उपासना में लीन हो गए। जहां एक ओर घरों में कलश स्थापना और विविध अनुष्ठान हुए तो वही शहर के मंदिरों में भक्तों ने पहुंचकर मां भगवती का दर्शन पूजन किया कहीं नवरात्र के पहले दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री के दर्शन पूजन का विधान है काशी में मां का मंदिर अलईपुर मे स्थित है जहाँ माता शैलपुत्री के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। माता शैलपुत्री के दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वहीं मां अपने भक्तों को भक्ति और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। मंदिर के महंत जिउत महाराज तिवारी ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री का दर्शन-पूजन का विधान है। माता के दर्शन से भक्तों के मन की सभी मनोकामना मां पूरी करती हैं। बताया कि चैत्र नवरात्र के दौरान मंदिर में भीड़ होती है, लेकिन बारिश की वजह से इस बार भीड़ कुछ कम है। सेवक छोटेलाल अग्रहरि ने कहा कि वासंतिक नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री के दर्शन का विशेष फल मिलता है। माता के दर्शन से हमेशा लाभ होता है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और दुखों का नाश होता है। सर्वमंगल के कार्य संपन्न होते हैं। दर्शनार्थी अनुज कुमार राय ने कहा कि माता से यही कामना है कि सभी सुखी रहें, आनंदित रहें। वहीं मंदिर परिक्षेत्र में माला फूल चुनरी इत्यादि पूजन सामग्री की दुकानें सजी रही साथ ही दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए व्यापक व्यवस्था रही।
इसी कड़ी में चैत्र नवरात्र में मां के गौरी स्वरूप के दर्शन पूजन का विशेष महत्व होता है मां गौरी के दर्शन पूजन के क्रम में प्रथम दिन मां मुखनिर्मालीका गौरी के दर्शन पूजन का विधान है। काशी में मां का मंदिर गायघाट मे स्थित है। नवरात्र के प्रथम दिन मान्यता अनुसार बड़ी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर मां मुखनिर्मालीका गौरी का दर्शन पूजन किया और मां को प्रिय लाल चुनरी गुड़हल का माला फल फूल मिष्ठान इत्यादि अर्पित कर उनसे जीवन मंगल की कामना की। मन्दिर के महन्त नारायण महाजन ने बताया कि यहा के दर्शन पूजन से परिवार में सुख समृद्धि आती है। माता के विधिवत दर्शन पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।