देश मे व उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। भाजपा सरकार की ओर से हमेशा यह दावे किए जाते हैं कि वह सभी को साथ में लेकर चल रहे हैं और कार्य कर रहे हैं। भाजपा की सरकार होने से पार्टी के कुछ विधायक स्वयं को मुख्यमंत्री से भी ऊपर समझने लगे है। अपने नाम का दबदबा बनाने के लिए एक विधायक ने चौकी इंचार्ज को मात्र इस बात पर खरी खोटी सुना दी की चौकी इंचार्ज के पास क्षेत्र के विधायक का नंबर नहीं था।
यह मामला कहीं और का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र रोहनिया का है। रोहनिया के मोहनसराय चौकी इंचार्ज के पास एक फोन आता है जिस पर इस बात की जानकारी दी जाती है कि मोहनसराय चौराहे से मातलदेयी रोड पर जलजमाव की स्थिति है ऐसे में किसी सिपाही को भेजकर उसके समक्ष स्थित गली को कुछ लोग बांधे है उसे खोल दिया जाए जिससे कि क्षेत्रीय जनता को, स्कूली बच्चों को जो आवागमन में दिक्कत हो रही है वह ना हो और पानी निकल जाए। बातचीत के दौरान अब तक सब कुछ ठीक रहता है इस बीच चौकी इंचार्ज ने फोन करने वाले का नाम पूछा। जिस पर फोन करने वाला व्यक्ति भड़क गया और कहने लगा कि तुम्हारे पास क्षेत्र के विधायक का नंबर तक नहीं है? चौकी इंचार्ज ने अपना पक्ष रखना चाहा लेकिन विधायक जी को इस बात पर गुस्सा आ गया कि चौकी इंचार्ज के पास उनका नंबर कैसे नहीं है वो बार-बार यही पूछते रहे कि तुम मुझे नहीं जानते हो ...
आपको बता कि ये फोन चौकी इंचार्ज को रोहनिया विधायक सुनील पटेल के द्वारा किया गया था। चौकी इंचार्ज द्वारा उनका नाम पूछे जाने से पहले तक विधायक जी चौकी इंचार्ज को आप कह रहे थे लेकिन जैसे ही चौकी इंचार्ज ने उनसे यह पूछ लिया कि भैया आप कौन बोल रहे हैं तो विधायक जी ने कहा तुम्हारे पास क्षेत्र के विधायक का नंबर तक नहीं है तुम मुझे नहीं जानते कि मैं कौन बोल रहा हूं. चौकी इंचार्ज ने उनको टोका कि विधायक जी आप सम्मान पूर्वक बात करें तुम तड़ाम ना करें। लेकिन विधायक जी इस बात पर अटके रहे कि कैसे चौकी इंचार्ज यह नहीं जानता कि फोन पर कौन बोल रहा है। विधायक जी ने रौब जमाते हुए कहा कि क्षेत्र में किसी को भेजकर यह काम करवाओ। जिस पर चौकी इंचार्ज ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि काम नहीं करेंगे।
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