काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में 40 दिन का बच्चा 13 दिनों से भर्ती था। जिसका इलाज यहां के डॉक्टर कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि बच्चा स्वस्थ होने के कगार पर था और हमें उम्मीद थी कि 2 दिनों में बच्चे को डिस्चार्ज किया जाएगा। जिसके बाद हम उसे लेकर घर चले जाएंगे वही देर रात यहां के डॉक्टरों द्वारा एक इंजेक्शन मंगाया जाता है जो बीएचयू से न लेकर बाहर के लिए बोला जाता है। बाहर का न्यू मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लाकर दिया गया जिसके बाद बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया और भोर में बच्चे की मौत हो गई।
परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया परिजनों ने कहा कि बीएचयू में मेडिकल स्टोर होते हुए भी अगर डॉक्टर बाहर से दवा मंगा रहे हैं तो इस पर यहां के प्रशासन को रोक लगानी चाहिए। गलत दवा लगने से बच्चे की मौत हो गई परिजनों ने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालक सहित यहां के डॉक्टरों पर मुकदमा करेगे। नाराज परिजनों ने गेट बंद कर प्रदर्शन किया जिस पर सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्हें शांत कराकर गेट खुलवाया।
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