मूर्ख दिवस की पूर्व सन्ध्या पर अस्सी घाट पर अट्ठारहवें धुरन्धर हास्य महोत्सव का आयोजन हुआ। सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन वसुधैव कुटुम्बकम के बैनर तले आयोजित इस वर्ष के धुरन्धर हास्य महोत्सव का उद्घाटन महगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार जैसे प्रमुख मुद्दों को मिट्टी में मिलाकर तथा स्वतंत्रता के अमृतकाल को देखते हुए मंचासीन कवियों व अतिथियों को सह संयोजन रूद्रनाथ त्रिपाठी, एडवोकेट द्वारा गंगाजल पिलाकर किया गया इसके बाद भारतीय नववर्ष के स्वागत में व धुरन्धर हास्य महोत्सव के अट्ठारह वर्ष पूरा होने पर 18 कवियों द्वारा सामूहिक रूप से झुनझुना बजाया गया तथा दो मिनट सामूहिक रूप से ठहाका लगाया गया। इस अवसर पर कवियों को मालायें, टोपी, हास्य चश्मा पहनाया गया तथा उपहार में झुनझुना दिया गया।
हास्य के सतरंगी विधाओं से युक्त काशी के इस एकमात्र महोत्सव का आगाज काशी कत्थक कला केन्द्र के कलाकारों द्वारा भगवान राम की नृत्यमय वन्दना से किया गया, उसके बाद सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार रवि सारस्वत द्वारा हास्य नृत्य व मिमिक्री प्रस्तुत किया गया, इसके बाद देशभर से आये कवियों द्वारा देर रात तक लोगों को खूब हसाया गया तथा गीत-गजल प्रस्तुत किया गया। महोत्सव की अध्यक्षता अस्सी की अड़ी के अध्यक्ष उदय नारायण पाण्डेय द्वारा किया गया।
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