काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने इस साल लगने वाले दो सावन माह की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2004 में दो सावन लगा था। उन्होंने बताया कि हर 18 साल से लेकर 20 साल के बाद दो सावन लगता है। इस बार लगने वाला दो सावन काफी फलदाई है।
सावन माह बाबा भोले की पूजा आराधना करने हेतु विशेष माह होता है भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और जल सबसे प्रिय है और यह सभी जगह सहज ही उपलब्ध है। इस बार 2 सावन में भगवान विष्णु और भगवान शंकर का पूजन लोग करेंगे। सावन माह में लोगों को सात्विक मन, सात्विक विचार से भगवान शिव की आराधना करना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव सावन माह में किए गए पूजा पाठ से प्रसन्न होते हैं तथा भक्तो को मनवांछित फल देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर गंगाजल उपलब्ध नहीं हो रहा है तो घर में इस्तेमाल होने वाले साफ जल को भी शिवलिंग पर चढ़ाने पर मनवांछित फल प्राप्त होता है।