बिजली की समस्याओं एवं निजीकरण के खिलाफ सी०पी०एम०, किसान सभा,सीटू खेत मजदूर यूनियन, जनवादी नौजवान सभा व जनवादी, जन संगठनों द्वारा राज्यव्यापी आन्दोलन के तहत बिजली से सम्बन्धित समस्याओं के खिलाफ विरोध किया जा रहा है। सरकार की नई नीतियां बिजली के उपभोक्ताओं के साथ ही साथ उन सभी को जो बिजली पर निर्भर हैं, के ऊपर बोझ बढ़ा रही है और उनके जीवन को मुश्किल बना रही है। बिजली का निजीकरण बिजली की लागत तो बढ़ायेगा ही, निजी कम्पनियों के लाभ के लिए उपभोक्ताओं की जेब पर भी अतिरिक्त भार डालेगा।
निजीकरण का दुष्परिणाम कर्मचारियों की सेवा व छंटनी के रुप में सामने होगा। हजारो कर्मचारी बाहर हो जाएगें। बेरोजगारी बढ़ेगी। उत्पादन प्रक्रिया भी प्रभावित होगी। बिजली निजीकरण का विरोध करते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), वाराणसी किसान सभा, सेन्टर ऑफ इण्डियन ट्रेड यूनियन्स सहित विभिन्न जनवादी संगठनों द्वारा माँग की गयी की बिजली का निजीकरण बंद किया जाए, बिजली की प्रस्तावित मूल्यवृद्धि वापस ले कर बिजली रेट कम किया जाए मीटरिंग के नाम पर उसकी कीमत तथा अधिभार बढ़ाने की साजिश को रोका जाए। आम उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण यथाशीघ्र किया जाय ।कार्यक्रम में वक्ता के रूप में डॉ हीरालाल यादव राज्य सचिव यूपी नंदलाल पटेल जिला सचिव अनिल कुमार सिंह मोहम्मद इम्तियाज अहमद भोला नाथ यादव रामवीर सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लालमणि वर्मा और कार्यक्रम का संचालन शिवनाथ यादव ने किया।