अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की वाराणसी शाखा द्वारा समाज की अन्य संस्थाओं के सहयोग से मारवाड़ी संस्कृति पर एक विचार गोष्ठी एवं बाल व्यास श्रीकांत शर्मा का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया.मारवाड़ी युवक संघ भवन में आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने कहा कि भारत में संस्कृतियों की विविधता ही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है और इसे विश्व के मानचित्र के शीर्ष पर स्थापित करने में सहयोगी होगी. हर संस्कृति का अपना एक स्वरूप होता है और विभिन्न संस्कृतियों के सामंजस्य से ही राष्ट्र का निर्माण होता है.
समारोह के प्रारंभ में मारवाड़ी सम्मेलन वाराणसी के अध्यक्ष अनुज डीडवानिया ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मारवाड़ी समाज सदैव से ही सेवा व परोपकार के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और काशी की प्रगति में इसका उल्लेखनीय योगदान रहा है. इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल के जाजोदिया सम्मेलन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष उमाशंकर अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष श्रीनारायण खेमका ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों द्वारा माल्यार्पण, अंगवस्त्रम, मानपत्र व स्मृति चिन्ह द्वारा बाल व्यास जी का भव्य अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम का संचालन मनीष लोहिया ने किया. अतिथियों का स्वागत मारवाड़ी सम्मेलन के मंत्री मनमोहन लोहिया, सलाहकार अवधेश खेमका, गोपाल अग्रवाल, राधे गोविंद केजरीवाल इत्यादि ने किया।