पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष के बर्खास्तगी की मांग को लेकर छात्रों ने दिया धरना

बीएचयू के पत्रकारिता विभाग में छात्रों और विभागाध्यक्ष के बीच विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर छात्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शोभना नर्लिकर के खिलाफ लामबंद होकर धरने पर बैठकर सिंह द्वार पर धरना दे रहे छात्रों ने रास्ता रोक दिया और ऐलान किया कि विभागाध्यक्ष को हटाए जाने तक धरना जारी रहेगा। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शोभना नर्लिकर के खिलाफ धरना दे रहे छात्रों ने उन पर लगाए गए पुराने आरोप दोहराए। इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि शोभना नर्लिकर यूजीसी से ऐसी मांगे करती है जो कि कहीं से भी तर्कपूर्ण नहीं है।


छात्रों ने कहा कि वह अनुसूचित जाति के होने की विशिष्ट स्थिति का दुरुपयोग कर रही हैं इससे हमारे विश्वविद्यालय और विभाग का नाम धूमिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि शोभना नर्लिकर का कहना है कि यहां मालवीय जी की प्रतिमा हटाकर मायावती की प्रतिमा लगनी चाहिए। काशी हिंदू विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित होकर दलित विश्वविद्यालय होना चाहिए और तो और पंडित जी के नाम से पंडित हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे दलितों का अपमान हो रहा है। छात्रों का आरोप रहा कि पिछले 20 वर्षों में किसी की भी पीएचडी कंप्लीट नहीं हो सकी है।


इससे पूर्व भी छात्र उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। बार-बार उनके द्वारा छात्रों को धमकाया जाता है। छात्रों ने कहा कि इनके कार्यों से विभाग का शैक्षणिक वातावरण अत्यंत दूषित हो रहा है। इसलिए हम सभी छात्र उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। वही इस मौके पर पहुंचे छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर एके नेमा और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया हालांकि छात्र नहीं माने। एहतियातन मौके पर पुलिस फोर्स के साथ ही बीएचयू के सुरक्षाकर्मी तैनात रहे।

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