इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत पर मनाए जाने वाले गमी के पर्व मोहर्रम पर शनिवार को ताजिया मातमी जुलूस के साथ निकाला गया। लोग अपने हाथों में बड़े-बड़े झंडे लिए हुए थे। इस दौरान या हुसैन या हुसैन की आवाज बुलंद हो रही थी लोगों ने अमन चैन के लिए दुआ भी मांगी। जिले भर में इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
इसी कड़ी में शहर के विभिन्न स्थानों से जुलूस निकाले गए जिसमें ताजिया संग बड़े-बड़े झंडे लिए मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। इस दौरान जंजीर वाले जुलूस मे समुदाय के लोगो ने मातम किया। वही बुर्राक वाली ताजिया रांगे वाली ताजिया सहित तमाम ताजिया जुलूस के रूप में लेजाकर फातमान में ठंडा किया गया ।
इसी क्रम मे योमे आशुरा पर तमाम इमाम चौको से जुलूस निकाला गया । जिसमें दालमंडी से कच्ची सराय से तुर्बत अलम का जुलूस निकाला गया जिसमें या हुसैन की आवाज बुलंद हुई आगे आगे अलम और तुर्बत लेकर लोग चल रहे थे ।
यह जुलूस दालमंडी से निकल कर विभिन्न मार्गों से होता हुआ फातमान जाकर ठंडा हुआ। जगह जगह से बनारस के सभी इमाम चौको से ईमाम हुसैन की याद में नम आंखों से ताजिया उठाई गई ।
इसी कड़ी मे ताजिया जुलूस छीत्तूपुर से निकाला गया। जो बीएचयू , लंका सिंह द्वार होते हुए नरिया तक गया। ताजिया विभिन्न मार्गों से होकर कर्बला पहुंचा जहाँ ताजिया ठंडा किया गया।
जुलूस के दौरान लंका पुलिस के जवान सुरक्षा में लगे रहे। इस ताजिया में हिंदू मुस्लिम दोनों पक्षों के लोग समान रूप से भाग लेते हैं।
वही छित्तूपुर गेट पर ताजिया सजाई गयी। स्थानीय निवासी मुन्नू अहमद ने बताया की मुहर्रम हम लोगों का गमी का त्योहार है ।हसन हुसैन की याद मे जुलूस निकाले जाते है