सावन के दूसरे गुरुवार को गुरु बृहस्पति देव की सजी अलौकिक झांकी

श्रावण माह के प्रत्येक गुरुवार को दशाश्वमेध स्थित गुरु बृहस्पति देव भगवान का अलौकिक श्रृंगार किया जाता है यह परंपरा काफी पुरानी है इस परंपरा का निर्वहन करते हुए सावन मास के दूसरे गुरुवार को गुरु ब्रह्स्पतिदेव का भव्य श्रृंगार किया गया। 

इस अवसर पर सर्वप्रथम बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। उसके पश्चात नूतन वस्त्र धारण कराते हुए विभिन्न सुगंधित पुष्पों और आभूषणों से बाबा की अलौकिक झांकी सजाई गई । उसके बाद प्रभु को भोग अर्पित करते हुए उनकी आरती की गई। 

इस अवसर पर काफी संख्या में भक्तों ने बाबा की नयनाभिराम झांकी का दर्शन पूजन कर जीवन मंगल की कामना की। मन्दिर के पुजारी सन्तोष गिरी ने बाबा की वृहद आरती उतारी बाबा को आकर्षक पीले फूल पत्तियों से सजाया गया एवं सुख समृद्धि की कामना की गई।


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