संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में 9 दिवसीय सरस श्री राम कथा की शुरुआत मंगलवार को कलश शोभायात्रा से हुई। श्री राम कथा प्रेमी सेवा समिति की ओर से आयोजित इस कथा का श्रवण कथा व्यास राजन जी महाराज द्वारा कराया जा रहा है।
प्रथम दिवस की कथा में कथा व्यास राजन जी महाराज ने कहा कि काशी महापुरुषों, विद्वानों, अवधूतों की भूमि है। सब को मुक्ति प्रदान करने वाली इस नगरी में शिव सदैव विराजमान रहते हैं। उन्होंने श्री राम कथा के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि जीव जब अपनी कथा सुनाता है तो वह सिर्फ व्यथा को बढ़ावा देता है । प्रभु श्री राम की कथा जीवन की व्यथा को समाप्त कर देने वाली है। कथा व्यास ने पुरुषोत्तम मास की महिमा का भी वर्णन किया। कहा कि जो फल 100 वर्षों की तपस्या से प्राप्त होता है वहीं पर पुरुषोत्तम मास में सिर्फ एक दिन की तपस्या से प्राप्त हो जाता है।
इसके पहले यजमान सुमित सराफ, रुचि सराफ, विनोद सराफ इत्यादि ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा श्रवण करने महामंडलेश्वर सतुआ बाबा संतोष दास, महंत बालक दास भी पहुंचे संचालन पवन अग्रवाल ने किया। इस दौरान पूरा पंडाल भक्तों की भीड़ से भरा रहा काफी संख्या में भक्तों ने श्री राम कथा का रसपान किया।