विवाहिता की पहले दहेज के लिए हत्या फिर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाते हुए पीड़ित पक्ष ने लगाई न्याय की गुहार

पुत्री की दहेज के लिए हत्या फिर ससुराल पक्ष द्वारा साक्ष्य मिटाने और पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न किए जाने का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने पत्रकारों के समक्ष अपना पक्ष रखा। जानकी देवी ने बताया कि बेटी लक्ष्मीना की शादी, तीन वर्ष पूर्व, वाराणसी के लंका थानातर्गत मदरवा गाव निवासी दीपू साहनी से हुई थी। 24.06.23 को, दहेज के लिये ससुराल वालों द्वारा लक्ष्मीना की हत्या कर दी गई तथा लक्ष्मीना की हत्या के लिये उकसाने प्रताड़ित करने तथा साक्ष्य को मिटवाने में लोहता थानातर्गत ग्राम छितौनी निवासी उसके - नंदोई संतोष कुमार लाल जो की पेशे से वकील है की अहम भूमिका रही है। लक्ष्मीना को कोई औलाद नही थी. संतोष कुमार लाल (नंदोई), मेरी बेटी से छेड़खानी करता था तथा बुरी नजर रखता था और आये दिन वह (मेरी बेटी के घर) अपने ससुराल आता जाता था तथा संतान पैदा करने के लिये दबाव बनाता था। संतोष कुमार लाल (नंदोई) मेरी बेटी व मुझसे दहेज के लिये लक्ष्मीना के पति दीपू, सास, ससुर के साथ दो लाख रुपये, सोने की सिकड़ी व अंगुठी तथा बुलेट की मांग करता था तथा प्रताड़ित करता था। इस विषय में हम लोग लक्ष्मीना के सास, ससुर, दीपू से कई बार शिकायत कर पंचायत भी किये थे। हम रिश्तेदारो ने शादी में अपाचे आर0टी0आर0 बाइक टी०वी०एस० फाइनेंस के द्वारा लोन पर लेकर दिये थे तथा उक्त अपाचे मोटरबाईक को नंदोई संतोष कुमार लाल अपने उपयोग के लिये अपने घर छितौनी उठा ले गया था। 


अपाचे मोटरबाइक का बकाया किस्त हमारे द्वारा नगद दिया जाता था किंतु नंदोई संतोष कुमार लाल उक्त धनराशि को जमा नही करता था। लक्ष्मीना, अपने पति दीपू से मोटरबाईक को संतोष कुमार लाल से वापस लाने के लिये, हमेशा वाद विवाद करती थी जिसकी वजह से दीपू लक्ष्मीना को मारता पीटता था। लक्ष्मीना के दहेज मृत्यु के बाद, 30.06.2023 को, संतोष कुमार लाल ने टी0वी0एस0 में कार्यरत अपने दोस्त लल्लू यादव के सहयोग से साक्ष्य मिटाने के लिये हेरा फेरी करके, अपाचे मोटरबाइक को एजेंसी को वापस सुपुर्द करा दिया है, ताकि वह अपने किये गये गुनाह से बच सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में, लंका थाना में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। ध्यान देने की बात है कि इस दहेज हत्याकांड के घटना की शिकायत पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियो से लगातार किया गया परंतु अब तक हम लोगों के द्वारा जमा कराये गये शिकायत पत्र एवं बयान को अनदेखा व अनसुना किया गया है। अब तक, जांच अधिकारी से कोई भी सहयोग नही मिल पाया है तथा हम लोग घटना के जांच से असंतुष्ट है । पुनः विवेचना उसी विवेचना अधिकारी सी0ओ0 भेलपुर को दे दी गई है जो मुख्य अभियुक्त संतोष कुमार लाल को बचाना चाहते है। इसलिए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से अनुरोध है कि इस केस में मुख्य अभियुक्त संतोष कुमार लाल को अतिशिघ्र गिरफ्तार करके मृतका पक्ष को न्याय दिलाया जाए।

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