भगवान शंकर के सबसे प्रिय मास सावन के अंतिम दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में परंपरा के अनुसार झूला श्रृंगार किया गया ।इसमें बाबा की चल रजत प्रतिमा का भव्य श्रृंगार करके झूले पर विराजमान कर झुलाया जाता है, मंदिर के पुजारी द्वारा भव्य आरती उतारी जाती है।
इसको देखने के लिए दूरदराज से श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचते हैं। बुधवार को हुए इस आयोजन में मंदिर के सेवादार पुजारी बाबा का जय घोष करते हुए उनकी चल रजत प्रतिमा को पालकी पर बिठाकर टेढ़ी नीम स्थित महंत परिवार के आवास से लेकर निकले। डमरू और शहनाई वादन के बीच बाबा की प्रतिमा श्रृंगार भोग आरती के समय गर्भ गृह पहुंची । जहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के नारे से बाबा को प्रणाम कर पालकी का स्वागत किया । इसके बाद इस प्रतिमा को गर्भ गृह के अंदर मंत्रोचार के बीच स्थापित किया गया ।
प्रतिमा की स्थापना के पश्चात गर्भ गृह के अर्चक पंडित टेकनारायण उपाध्याय और महंत परिवार के पुजारी ने प्रतिमा की भव्य आरती उतारी। इसके पश्चात बाबा को झूले पर झुलाया गया। इस पूरी परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मंदिर परिसर में उपस्थित रहे।