इस्कॉन वाराणसी में राधारानी का दिव्य प्राकट्योत्सव धूमधाम से मना।राधाष्टमी महोत्सव का शुभारंभ मंदिर में प्रतिष्ठित श्री राधा गोपाल जी की मंगला आरती के साथ भोर में ही हो गया। इसके पश्चात गुरु पूजन के साथ ही श्रृंगार आरती हेतु मंदिर के पट फिर से खोले गए एवं भक्तों को श्री राधा गोपाल जी के नवीन सुन्दर श्रृंगार के दर्शन हुए। पूरे दिन मंदिर परिसर में हरे कृष्ण संकीर्तन पर भक्त झूमते-नाचते रहें। प्रवचन में राम केशव प्रभु ने श्रीमदभागवत महापुराण एवं श्री चैतन्य चरितामृत पर आधारित राधारानी की महिमा एवं राधातत्व के रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की अध्यात्मिक शक्ति स्वयं राधारानी है। वृदावनेश्वरी राधारानी को जानने के लिए श्रीकृष्ण को जानना अत्यन्त आवश्यक है।
इसके उपरान्त इस्कॉन मंदिर परिसर में निर्माणाधीन वैदिक भारत सांस्कृतिक केंद्र के भूतल पर नृत्य, कीर्तन और भजन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। महाभिषेक एवं महाआरती के उपरान्त सभी श्रद्धालुओं को चरणामृत का वितरण किया गया एवं इस्कॉन द्वारा आयोजित विशाल भंडारे में सभी श्रद्धालुओं ने प्रसादम ग्रहण किया। मंदिर की अद्भुत साज-सज्जा और प्रसादम हेतु रजनीश सिंह का सहयोग सराहनीय रहा।