ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एक बैठक करके सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों की निंदा की और उन्हें देश के लिए विभाजनकारी बताया। संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया की भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ना और अलग होना दोनों की घटनाएं स्वार्थवश हुई ना कि जनता के हित के लिए। स्वामी प्रसाद मौर्य जो कि भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए जय श्री राम के नारे लगाते थे, अब गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस भगवान राम और हिंदू समाज के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान हिंदू समाज को अपमानित कर रहे हैं। इसके चलते, उन्होंने उन्हें 'बुरखा' भेजा है ताकि वो अपनी पहचान के साथ देश के हिंदू समाज के सामने प्रस्तुत हो सकें। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओ ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बैठक मेंमुख्य रूप से प्रतीक सराफ, पतंजलि पाण्डेय, जुलुम सिंह, अजीत जायसवाल, अंशुमान रघुवंशी मौजूद रहे।
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