दुर्गाकुंड स्थित मां कूष्मांडा मंदिर में छह निशाव्यापी श्रृंगार संगीत महोत्सव की अंतिम निशा में लोक कलाकारों ने बढ़-चढ़कर उपस्थिति दर्ज कराई। इस निशा में मिर्जापुर की कजरी गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव और काशी के भजन गायक डॉ.अमलेश शुक्ल मुख्य आकर्षण रहे।पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव ने देवी के झूला गीत, पचरा आदि की प्रस्तुतियों से भोजपुरी गीत-संगीत की मिठास से श्रोताओं को रूबरू कराया। वही डॉ अमलेश शुक्ला ने अपने चिर परिचित अंदाज से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।
इससे पूर्व कन्हैया दुबे के संयोजन में निशा का शुभारंभ पं ध्रुवनाथ मिश्रा के सितार वादन से हुआ। तबला पर प्रीतम मिश्रा तथा हारमोनियम पर मोहित ने संगत की। डॉ श्वेता कुमारी ने भक्ति गीत सुनाया। इसके बाद प्रियांशु, आस्था शुक्ला, गोविंद गोपाल, अंशिका सिंह, पिंकी मिश्रा, सहित अनेक कलाकारों ने भी दरबार में हाजिरी लगाई। संगीत प्रस्तुतियों से पूर्व मां का विधिवत पूजन न अर्चन किया गया। शृंगार पं कौशल पति द्विवेदी ने किया।
शंख, घंटा घड़ियाल की गूंज के बीच आरती महंत पं आनंद गोपाल द्विवेदी ने उतारी। मां को 56 पर प्रकार के मिष्ठान और पकवान का भोग चढ़ाया गया। साथ ही भक्तों ने देर रात्रि तक दर्शन पूजन करते हुए मां का प्रसाद ग्रहण किया।