रोहतास के चाय विक्रेता की 11वर्षीय बेटी को बचपन से स्पाईन मे कमजोरी की समस्या थी यह तब और बढ़ गई जब वह स्कूल मे खेलते समय गमले मे गिर गई और उसके गर्दन की हड्डी टूट गई जिसका गांव मे इलाज हुआ पर वह ठीक नहीं हो पाई फिर उसे वाराणसी के ट्रामा सेंटर लाया गया जहां विशेषज्ञ डाक्टरो की देख रेख मे प्रिया का ऑपरेशन किया गया अब वह धीरे धीरे ठीक हो रही हैँ कल तक कुछ भी काम नहीं कर पाने वाली प्रिया अब अपना हाथ पैर चला रही हैँ। और उसे एक नया जीवन दान मिला हैँ। आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली पांच लाख की पूरी राशि उसके इलाज मे खर्च हो चुकी हैँ फिर भी BHU के डाक्टर उसका इलाज कर रहे हैँ। वहीं डॉक्टर कविता मीना से बात करने पर उन्होंने बताया की प्रिया जब साढ़े 7 साल की थी तब हमारे पास आई थी। उसके रीढ़ की पहली और दूसरी हड्डी में चोट आई थी और यहां उसका ऑपरेशन हुआ तब से ये हमारे पास है और ये आईसीयू में लगातार 8 महीने रही है।
धीरे धीरे वेंटीलेटर से इसे हमने बाहर निकाला है और आज स्थिति ये है की प्रिया अपने हाथ से खाती है मुस्कुराती है खुश रहती है हमेशा पॉजिटिव रहती है और हमेशा बाहर की दुनिया देखना चाहती है ।प्रिया का पूरा इलाज आयुष्मान योजना से हुआ था प्रधानमंत्री जी की योजना से ही संभव हुआ है की इतना लंबा इलाज हम लोग कर सके। परंतु प्रिया के पांच लाख खतम हो गए थे परंतु सरकार द्वारा दी जानी वाली अन्य सुविधाओं जैसे दवा है और भी अन्य चीजें हैं जिससे हम लोग आज प्रिया का इलाज कर पा रहे हैं जब आयुष्मान का पैकेज खतम हो गया था फिर भी आईसीयू में इनको वही इलाज मिला जो मिलना चाहिए था।अभी फिर इसका आयुष्मान का पैकेज लग गया है ।प्रधानमंत्री की योजना से कई लोगों का लंबा इलाज संभव हो सका है ।