मणिकर्णिका पर ठप करेंगे शवदाह: महाश्मशान बाबा के मंदिर में भर रहा है सीवर का पानी, समितियों ने दी 72 घंटे की चेतवानी

 वाराणसी के मणिकर्णिका घाट स्थित बाबा मशान मंदिर से सीवर का मलजल निकालकर पवित्र नदी गंगा में बहा दिया गया। क्या यही स्थाई समाधान है ? क्या अब मंदिर में सीवर का मलजल नहीं भरेगा। 1 अक्टूबर को केटीवी न्यूज़ में खबर छपने के 2-3 दिन में नगर निगम ने सफाई का काम करा दिया। लेकिन, जब केटीवी न्यूज़ की टीम ने दोबारा पड़ताल की, तो मालूम चला कि इसका परमानेंट सेटलमेंट नहीं किया गया। यदि फिर बरसात हो जाए तो सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर मंदिर में प्रवेश कर जाएगा। अब बाबा महाश्मशान में पूजा पाठ करने वाले लोगों पुजारियों और समितियों ने नगर निगम को चेतावनी दे डाली है। शवदाह के लिए नहीं देंगे अपनी लकड़ियांम हाश्मशान सेवा समिति के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता ने कहा कि यदि इसका स्थाई इलाज नहीं किया गया तो 72 घंटे के बाद हम मणिकर्णिका पर शवों को मुखाग्नि देने नहीं देंगे।

 लकड़ी व्यवसायी लाश जलाने के लिए अपनी लकड़ियां नहीं देंगी। हो सकता है कि चौधरी समाज भी शवदाह बंद कर देगा। अब जनता त्रस्त आ चुकी है। ये सफाई केवल दिखावेबाजी है। कॉरिडोर और कमिश्नर आएं हमको जवाब दें, नहीं तो हम लोग आंदोलन करेंगे। कुछ देर की राहत से हम चुप नहीं होंगेश्म महाशमशान समिति के महामंत्री बिहारी लाल गुप्ता ने कहा कि बाबा मसान नाथ 2 साल से नर्क में पड़े रहते हैं। बाबा के लिए 72 घंटे का समय प्रशासन को दे रहे हैं। इसके बाद लाश जलाने का सारा काम बाधित कर देंगे। शिव चौधरी ने कहा कि सीवर का पानी जहां से आ रहा है, वह मंदिर की नाली हैं उसमें मल वाला पानी भर जाता है। जल्द से जल्द स्थाई समाधान करें, नहीं तो फिर हम आम जनता इस पर एक्शन में आएंगे। 500 साल पहले राजा मान सिंह ने कराया था मंदिर का रेनोवेशन 16वीं शताब्दी में आमेर के राजा मान सिंह ने बाबा महाश्मशान मंदिर का रेनोवेशन कराया था। यहां पर बाबा का शिवलिंग उससे पहले का बताया जाता है।

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