पितृ विसर्जन पर लोगो ने गंगा घाटों पर पहुँचकर पिंडदान कर पितरो को विदाई दी

पितृ विसर्जन पर काशी के गंगा घाटो पर बड़ी संख्या में लोगो ने पहुँचकर अपने पितरो की याद मे श्राद्ध कर्म किया।  पितृ अमावस्या के मौके पर लोगों ने अपने पितरों को विदाई दी। काशी के गंगा घाटों और कुंडों पर बड़ी संख्या में लोगों ने श्राद्ध और पिंडदान किया।पितरों को मोक्ष प्रदान करने के लिए सुबह से ही घाटों-कुंडों पर लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी।  

सुबह से ही दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका समेत पिशामोचन कुंड पर श्राद्धकर्म करने वालों की भीड़ जुटने लगी। श्रद्धा भाव के साथ स्नान करने के बाद मुंडन कराकर लोगों ने तर्पण और पिंडदान किया। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार पितरों की मुक्ति के लिये काशी में पिंडदान करने का विधान है। पितृपक्ष के अंतिम दिन लोगों ने पिंडदान के साथ ही तर्पण कर अपने पितरों के लिये मोक्ष मांगा।

इसी कड़ी मे मोक्ष की नगरी काशी के दक्षिणी द्वार पर स्थित शूल्टनकेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण से सटे घाट पर लोगों ने अपने पितरों को याद कर  पिंडदान किया ।

  

शूल्टनकेश्वर घाट पर भी आस पास क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने  पिंडदान किया वही शूल्टनकेश्वर घाट के पुरोहित  हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया की आज पितरों का तर्पण करके आज पिंडदान देकर उनकी विदाई की जाती है ।

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