नागरी नाटकी मंडली के आश्विन नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन तमिल साहित्य की बहुचर्चित कथा शिलप्पदिकारम् ( नूपुर की कथा ) को नाटक के रूप में जीवंत किया गया। जिसमें कलाकारों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को प्रभावित किया। कथा अभिनय के साथ भरतनाट्यम की मुद्राओं को भी प्रस्तुत किया गया।
इलांगो अडिगल द्वारा रचित शिलप्पदिकारम् एक नारी की ऐसी गाथा है जिसने दर्शकों को बहुत कुछ सोचने पर विवश कर दिया। नाटक का निर्देशन दिव्या श्रीवास्तव ने किया और संचालन डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने किया