नागरी नाटक मंडली के नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन "बैंड मास्टर" नाटक का हुआ मंचन, पीढ़ियों के बीच वैचारिक मतभेद की हुई प्रस्तुति

 नागरी नाटकी मंडली के नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन ''बैंड मास्टर'' नाटक का मंचन किया गया । जिसमें कलाकारों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को प्रभावित किया। कथानक के अनुसार, एक पुरानी बैंड पार्टी है । उसका बैंड मास्टर बुजुर्ग साजिदा क्लेरेनेट बजाता है। ग्रुप का युवा सदस्य मुबारक उसका विरोध करता है। नए वाद्ययंत्रों को लाने की जिद करता है। इसपर विवाद होता है। बुजुर्ग बैंड मास्टर की तबीयत खराब रहने लगी। एक दिन नवाब के यहां से उनका मुनीम बैंड पार्टी बुक करने पहुंचा। ग्रुप के युवा प्रस्तुति देते हैं लेकिन मुनीम संतुष्ट नहीं होता। अंततः बैंड मास्टर ने तबीयत खराब होने के बाद भी प्रस्तुति दी। जिसे मुनीम पसंद करता और बैंड बुक करता है। जिससे पूरी पार्टी को काम मिलाता है।

 नवाब के यहां कार्यक्रम में प्रस्तुति के दौरान तबीयत खराब होने के कारण बैंड मास्टर का देहांत हो जाता है। युवा कलाकारों को अपने किए का पछतावा होता है। साथ ही मेहनत व कौशल को बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है। विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान प्रयागराज की ओर से मंचित नाटक में अभिलाष नारायन ने बैंड मास्टर, शुभम पालीवाल ने मुबारक, रोहित यादव ने मुनीम का रोल निभाया। नाटक के लेखक परिमल और निर्देशन अजय मुखर्जी ने किया। इस नाटक के द्वारा दो पीढ़ियों के बीच के वैचारिक मतभेद और अनुभव का सम्मान करना दर्शाता है

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