केयर एंड करियर स्कूल के वार्षिकोत्सव समारोह का हुआ समापन

केयर एण्ड कॅरियर स्कूल के मिसिर पोखरा एवं दश्वाश्वमेध ब्रांच का वार्षिकोत्सव नवरस थीम पर आधारित फुलवारी' नागरी नाटक मण्डली के प्रेक्षागृह में बहुआयामी सास्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम बड़े ही मनमोहक, आकर्षक व भव्य रुप से प्रस्तुत किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, भूतपूर्व कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं वर्तमान में उच्च शिक्षा परिषद उ०प्र० के अध्यक्ष ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके पश्चात् मुख्य अतिथियों का वेलकम साँग से मिशिर पोखरा ब्रांच के छात्र-छात्राओं ने स्वागत किया।इस अवसर पर केयर एण्ड कॅरियर स्कूल की प्रधानाचार्या अरुन्धति मिश्र ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। वही इस अवसर पर मेरिट अवार्ड के अन्तर्गत कक्षा 1 से 12 में सभी कक्षाओं में सर्वप्रथम तीन स्थान पाने वाले बच्चों को उनके उत्साह वर्धन के लिए प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी पं० राधे कृष्ण मिश्र स्मृति छात्रवृत्ति, मुख्य अतिथि ने चेक द्वारा प्रदान किया।

प्रेक्षागृह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों अभिभावकों शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि इन बच्चों को देखकर अपने बचपन की स्मृति ताजा हो जा रही है। विलक्षण प्रतिभा के धनी ये ही बच्चे भविष्य में देश को अपना योगदान, शिक्षक अधिकारी शासक के रुप में विविध जिम्मेदारियों को निभाएंगे और समृद्ध और सशक्त बनायेंगे। 

केयर एण्ड कॅरियर स्कूल समूह के चेयरमैन और विख्यात रंगकर्मी आनन्द किशोर मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर व्यक्ति के अन्दर एक कलाकार होता है। उसे बाहर निकालने के लिए एक मंच की आवश्यकता होती हैसांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ शिव वन्दना से हुआ। दशाश्वमेध ब्रांच के कक्षा-9 व 11 के बच्चों ने इसे प्रस्तुत किया।कार्यक्रम की अगली कडी थी जंगल थीम जिसे मिसिर पोखरा ब्रांच के Nursery व LKG के बच्चों ने प्रस्तुत किया। राजस्थानी थीम पर आधारित डान्स ग्रुप को कक्षा 4 व 5 के मिसिर पोखरा ब्रांच के बच्चों ने बड़े ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।

नवरस का अगला कार्यक्रम वात्सल्य पर आधारित एक्ट 'माँ' का मंचन किया गया, कार्यक्रम के अन्त में केयर एण्ड कॅरियर स्कूल समूह के डायरेक्टर अंकित मिश्र ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। अन्त में राष्ट्रगान के साथ वार्षिकोत्सव का समापन हुआ।

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