बीएचयू हिंदी विभाग द्वारा प्रो. वासुदेव सिंह की पुण्यस्मृति में व्याख्यान माला हुई आयोजित

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित हिन्दी विभाग के आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में प्रो.वासुदेव सिंह की 17वीं पुण्यस्मृति में एकदिवसीय व्याख्यान-माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वासुदेव सिंह सुप्रसिद्ध शिक्षक, समीक्षक, शिक्षाविद एवं साहित्यकार थे। यह आयोजन पिछले कई वर्षों से आयोजित किया जाता रहा है। कार्यक्रम का मुख्य विषय "आदिवासी स्त्री समाज और हिंदी कविता' रहा। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता निर्मला पुतुल मुर्मू रहीं, जो सुप्रसिद्ध कवि एवं आदिवासी चिंतक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान संकाय की प्रमुख प्रो. बिंदा डी. परांजपे ने किया। कार्यक्रम का विषय-प्रवर्तन प्रो. प्रभाकर सिंह, संचालन प्रो. नीरज खरे, स्वागत डॉ. हिमांशु शेखर सिंह और कार्यक्रम का आभार प्रो. श्रद्धा सिंह ने किया।


 कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत पौधा, अंगवस्त्रम और स्मृति-चिन्ह देकर किया गया। कार्यक्रम में छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह, प्रो. वशिष्ठ अनूप, प्रो. बलिराज पाण्डे, प्रो.श्रीप्रकाश शुक्ल, प्रो. कृष्णमोहन पाण्डे, प्रो. बृजबाला सिंह, प्रो. कृष्णमोहन सिंह, प्रो. रामाज्ञा शशिधर सहित काफी संख्या में शिक्षक, छात्र-छात्राएँ, शोधार्थी और साहित्य-प्रेमी पहुँचे थे। सभी लोगों ने स्त्रियों और आदिवासी महिलाओं के ऊपर अपने-अपने विचार रखे। लोगों ने कहा कि आदिवासी समाज की महिलाएँ भी काफी जागरूक हुई हैं और उनके पलायन व भेदभाव को लेकर बहुत कार्य हुआ है। आदिवासी महिलाओं ने भी राजनीति में कदम रखा है। इसके साथ ही, कविता-लेखन में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।


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