अयोध्या और काशी का संबंध कई युग पुराना है। भगवान श्री राम 22 जनवरी को अयोध्या में विराजमान होंगे। इस दिन के लिए देश के साथ ही विदेश में भी उत्सव का माहौल है। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए 22 जनवरी का दिन किसी दीपावली से कम नहीं है। वहीं लोग रामलला के विराजमान होने के दिन पर विशेष तैयारी कर रहे हैं। लगभग 500 सालों के बाद भगवान श्री राम अपने मूल स्थान पर विराजित होंगे। वही भगवान श्री राम के जीवन में मल्लाहओ का भी विशेष महत्व है। बता दे कि जब भगवान श्री राम वन को जा रहे थे तो नदी पार करने से पहले मल्लाहओ ने अपने आराध्य भगवान श्री राम का पांव पखार कर चरणामृत के रूप में ग्रहण किया था। इसी क्रम में जब भगवान श्री राम विराजमान हो रहे हैं तो काशी के मल्लाह और नाविक समाज के लोग विशेष तैयारी किए हुए हैं।
अस्सी घाट पर नाव चलाने वाले गोरखनाथ साहनी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम 22 जनवरी को विराजमान हो रहे हैं। यह हम लोगों के लिए बहुत ही गर्व की बात है। कई सौ वर्षो के बाद भगवान विराजमान होंगे। इस दिन हम लोगों ने विशेष तैयारी किया है, और हम लोग पूरे दिन राम भक्तों को निशुल्क अपने नाव पर बैठकर घुमाएंगे जो भी घूमना चाहेंगे। इसके साथ ही शाम को गंगा आरती होने के बाद हम सभी लोग भगवान श्री राम का भव्य चित्र अपनी नाव पर लगाएंगे और नाव और 84 घाटों पर 50000 दीप जलाकर भगवान श्री राम का स्वागत करेंगे और हम लोग इस दिन दूसरी दीपावली भी मनाएंगे।