कोचिंग से लौट रही दलित छात्रा से छेड़खानी करने व आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रयास करने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) राकेश पाण्डेय की अदालत ने जमालपुर, बड़ागांव निवासी आरोपित संतोष को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह व उनके सहयोगी अमनदीप सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार सहेमलपुर काजी सरायकाजी, बड़ागांव निवासी वादी मुकदमा जैसीराम ने थाना बड़ागांव पर 13 जनवरी 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह परिवार सहित सहेमलपुर काजीसराय, थाना बड़ागांव, जिला वाराणसी में किराये के कमरे में रह रहा है। उसकी पुत्री अंशिका हरहुआ से कोचिंग करके लौट रही थी। रास्ते में जमालपुर, बड़ागांव निवासी अखिलेश हरिजन व संतोष दोनों ने मिलकर उसकी पुत्री से लगातार चार दिन से छेड़छाड़ कर रहे थे। जब उसकी पुत्री ने विरोध किया तो वह लोग उसकी पुत्री को मारे-पीटे व गाली गलौज दिये। जिससे उसकी पुत्री की हालत खराब है। इस बीच आरोपितों की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर आत्महत्या का प्रयास की। इस मामले में पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।