दो दिन पहले ट्रेन के बोगी में बोरे में कपसेठी निवासी किशोरी मोनिका पाल का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। घटना के दूसरे दिन परिजनों ने किशोरी की हत्या का आरोप लगाते हुए सर्किट हाउस के पास शव रखकर प्रदर्शन किया। इसकी सूचना मिलते ही कचहरी चौकी प्रभारी सौरभ पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाकर वहां से रवाना किया। किशोरी के पिता ने बताया कि 19 तारीख को दिन में 11 बजे वह बुक लेने के लिए घर से बाहर निकली थी। काफी देर तक घर वापस नहीं आई तो चिंता हुई। इसके बाद खोजबीन शुरू की।
देर रात तक काफी खोजबीन करने के बावजूद उसका कहीं अता-पता नहीं चला। ऐसे में थक-हारकर 20 तारीख को थाने पहुंचे। पुलिस को घटना से अवगत कराया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की बजाय एक-दो दिन और ढूंढने की सलाह दी। बताया कि 21 फरवरी को सूचना मिली कि ट्रेन में शव मिला है। इस पर भागकर स्टेशन पहुंचे। बेटी का शव ट्रेन की बोगी में बोरे में पैक मिलने से परिजन काफी दुखी हैं। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर से मिलने की बात कही। वहीं घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल ने कहा कि वाराणसी में निर्भया जैसी घटना हुई है, लेकिन पुलिस प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गरीब के घर अभी तक न तो कोई सक्षम अधिकारी गया और न ही किसी नेता अथवा मंत्री के पास फुर्सत है कि गरीब के घर जाकर उसका दुख-दर्द बांटे। कहा कि शहर में आज प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और पूरा शासन-प्रशासन है, लेकिन गरीब परिवार न्याय के लिए भटक रहा है। उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।