भेलूपुर थाना क्षेत्र निवासी व्यापारी को साइबर ठगो ने पुलिस अफसर बनकर फोन किया और केस में गिरफ्तारी का डर भी दिखाया। बता दे की ठगों ने मुंबई पुलिस अफसर बनकर बात की और बचने के लिए 7.50 लाख रुपए भी खाते में मंगा लिए।कुछ देर बाद जब व्यापारी ने उस नंबर पर फिर फोन किया तो मोबाइल बंद मिला। व्यापारी ने इस बात को दोस्तों के साथ साझा की तो साइबर ठगी का अहसास हुआ। अब पीड़ित व्यापारी ने अपनी तहरीर पुलिस लाइन स्थित साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ ठगी,रंगदारी व आईटी एक्ट में केस दर्ज कराया।
भेलूपुर के जवाहर नगर एक्सटेंशन निवासी योगेंद्र बाजपई जो रविवार को साइबर ठगी का शिकार हो गए। पुलिस की तहरीर में योगेंद्र ने बताया की उन्हें 19 फरवरी को एक अनजान नंबर से फोन आया था। जिसमें कॉलर ने बताया की वह टेलीकॉम कंपनी से बोल रहा है। फोन पर वरुण कुमार नामक युवक ने कहा की आपके नाम पर मुंबई थाने में केस दर्ज है। हमारे पास आपका सिम ब्लॉक करने की सूचना आई है। इसे बंद करने का सुझाव भी दिया। इसके बाद उसने कहा की वह थाने के संबंध अधिकारियों से बात करा सकता है। योगेंद्र ने बात करने को कहा तो फोन पर दूसरा आदमी बोला और अपना नाम विनोद बताया । बातचीत के दौरान उसने अपने अधिकारी का नाम आकाश कुलहरी बताया। उसने बताया की आपके खिलाफ गैर जमानती वारंट है। डरा धमका कर कहा की अगर गिरफ्तारी रोकनी है तो बैंक से अधिकतम राशि भेजें।योगेंद्र से साढ़े सात लाख रुपए मांगने लगे।रुपए लौटाने की बात कही तो फोन काट दिए।जब स्थानीय स्तर पर जांच की तो व्यापारी को ठगी की जानकारी हुई।