इबादत, रहमत और माफी की रात शब-ए-बारात पर पूर्वजों को किया गया याद

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अकीदत के साथ शब-ए-बारात मनाया पूरी रात जगकर लोगों ने अल्लाह की इबादत की और मगफिरत की दुआ मांगी साथ ही नफिल नमाज पढ़ी।

कुरआन की तिलावत की पूर्वजों की कब्र पर फातिहा पढ़ी। मुस्लिम समाज के लोग सोमवार को रोजा रखेंगे। शब-ए-बारात की तैयारी में लोग सुबह से जुटे थे। हलवा बनाने के लिए सुबह बाजार में नारियल, दाल, खोआ आदि भी खरीदते नजर आए। शाम में महिलाओं ने नज्र दिलाने के लिए कई किस्म के हलवा बनाए।


मगरिब की अजान होते ही नमाज के बाद घरों में फातेहा दिलाई गई। रात में इशा की नमाज के बाद लोग कब्रगाहों पर फातेहा पढ़ने निकले। यह सिलसिला रात भर चला। बुजुर्गानेदीन के आस्तानों को आकर्षक रूप में सजाया गया था।फुलवरिया स्थित नुरूद्दीन शहीद, मंडुवाडीह स्थित कुतुब शाह बनारसी, बेनिया स्थित हाजी अब्दुल रहीम शाह के मजार के अलावा दरगाहे फातमान पर भी भीड़ रही। ककरमत्ता स्थित शाह मूसा शाह, राजघाट स्थित चंदन शहीद सहित अन्य मजार पर फातिहा पढ़ी गई।


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