आईआईटी बीएचयू के छात्र के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले को संसद में सपा सरकार ने उठाया सवाल

उत्‍तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन शनिवार को बीएचयू में आईआईटी की छात्रा से गैंगरेप का मामला विधान परिषद में उठा। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दल सपा के सदस्यों ने सदन से वॉक आउट किया। आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ एक नवंबर को दरिंदगी की गई थी। भाजपा आईटी सेल से जुड़े पदाधिकारियों ने एक नवंबर को छात्रा के साथ गैंगरेप किया था। अपने दोस्त के साथ कैंपस में टहल रही छात्रा को झाड़ियों में ले जाकर उसके कपड़े उतारकर वीडियो भी बनाया गया था। चौतरफा दबाव के बाद पुलिस ने वारदात के दो महीने बाद तीनों आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा था। मजिस्ट्रेट के बयान से पहले तक पुलिस ने गैंगरेप की धारा भी नहीं लगाई थी। इन्हीं सब बातों पर चर्चा के लिए सपा ने विधान परिषद में नियम 105 (कार्यस्थगन) के तहत चर्चा की मांग की। 

सपा के सदस्य लाल बिहारी यादव, नरेश चंद्र उत्तम व अन्‍य सदस्‍यों ने वाराणसी जिला प्रशासन की कार्यवाही पर असंतोष जाहिर करते हुए सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। सपा सदस्य स्‍वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव और डॉक्टर मान सिंह यादव ने इस मांग पर जोर दिया। सपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी सत्ता पक्ष से जुड़े थे और उनके खिलाफ समय से कार्यवाही नहीं की गई। सदस्यों ने आरोप लगाया कि भाजपा का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आठ नारा केवल दिखावा है और सत्तारूढ़ दल का असली चेहरा सामने आ गया है। विधान परिषद में नेता सदन व उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मामले में अब तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया लेकिन विपक्षी सदस्य उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। सपा सदस्यों ने सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग पर जोर दिया।विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कार्यस्थगन की सूचना को अस्वीकार कर दिया और मामले को सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए संदर्भित किया। सरकार के जवाब से असंतुष्‍ट होकर सपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया।



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