वाराणसी। सड़क हादसे में बीएचयू के मृत छात्र के अफवाह पर मुख्य चीफ़ प्राकटर कार्यालय में घुसकर बवाल, तोडफ़ोड़ करने व गाली-गलौज करते हुए सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट करने के साथ ही कुलपति आवास में घुसकर तोडफ़ोड़ करने व सराकार गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने के मामले में आरोपित छात्र रौशन मिश्रा को अंतरिम जमानत मिल गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) पवन कुमार सिंह की अदालत ने आरोपित रौशन मिश्रा को 25-25 हजार रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बन्धपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। वही नियमित जमानत के लिये 27 फ़रवरी की तिथी नियत की है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बीएचयू चीफ़ प्राकटर कार्यक्रम के सहायक सुरक्षा अधिकारी राकेश गुप्ता ने 18 फरवरी 2024 को लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि 17 फरवरी 2024 को ब्रोचा छात्रावास के पास एक बाइक सवार सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। इस बीच यह अफवाह फैलने पर की मृतक बीएचयू का छात्र है जिसपर इस घटना के विरोध में बीएचयू के छात्र शुभम शुक्ला, संजय गांधी, अनुज राम, अंकित राय, दुर्गेश यादव के नेतृत्व में करीब 200 से की संख्या में छात्र अपने हाथों में लाठी डंडा, सरिया व ईट पत्थर लिये चीफ़ प्राकटर कार्यालय में घुस गये और वहां तोडफ़ोड़ करते हुए वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के साथ गाली-गलौज व मारपीट करने लगे। चीफ़ प्राकटर प्रो शत्रुधन त्रिपाठी, डा राजेश कुमार सिंह, डा अमरेश प्रताप सिंह ने उग्र छात्रों को समझाने का काफ़ी प्रयास किया, लेकिन वे गाली-गलौज व धमकी देते हुये कुलपति आवास में अनाधिकृत रूप से घुस गये और वहां खड़ी सरकारी इनोवा गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दिया। साथी ही ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा सुपर वाइजर सच्चिदानंद राय, रमाशंकर सिंह, अशोक शर्मा समेत अन्य गार्डो से मारपीट करते हुये वादी को भी लाठी डंडे व पत्थर से मारे। नाराज छात्रों ने मुख्य द्वारा एवं नरिया गेट को बंद कर दिया एवं प्रदर्शन करने लगे। जिससे एम्बुलेंस आने-जाने में लोगों को परेशानी होने लगी। सूचना पर पहुंचे एसीपी भेलूपुर ने जब छात्रों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराना चाहा तो उग्र छात्रों ने पुलिस टीम पर ईट पत्थर चलाते हुए उनके साथ भी मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने 12 नामजद शुभम शुक्ला, बिट्टू बाबू, संजय गांधी, अनुज राय, अंकित पाल, दुर्गेश यादव, सुरज कुमार, अभिषेक कुमार, अमिया संकेत कुमार, संभव कौशिक, सुरेश पासवान, प्रत्युष कुमार, यशवर्धन राज समेत 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया।