संत रविदास की जन्मस्थली पर रैदासियों के पहुंचने का क्रम हुआ प्रारंभ, हजारों भक्त छक रहे लंगर

संत रविदास की जयंती के दिन यहां दिन भर लंगर चलता रहता है, जिसमें लगभग, 20 हजार लोग लंगर चखते हैं. बता दें कि हर वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है. इस दिन सनातन धर्म का पालन करने वालों के लिए गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. उनके अनुयायियों के अनुसार वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे.

एक बार फिर वाराणसी के छोटे से गांव सीर में दुनिया सिमटने को तैयार है। जी हां, संत गुरु रविदास के दर्शन की आस में देश विदेश में रहने वाले उनके लाखों भक्त सीर में जुट रहे हैं। यहां अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली, स्पेन, हॉलैंड आदि देशों से हजारों श्रद्धालु संत के चरणों में मत्था टेकने आ रहे हैंं। 24 फरवरी को संत रविदास के जन्मदिन पर श्रद्धालुओं की भीड़ अपने चरम पर होगी। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के चलते तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस बार लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं के यहाँ आने की उम्मीद है। इनकी व्यवस्था की कमान 5000 से अधिक सेवादारों के हाथ होगी।

इसी कड़ी में लंगर इंचार्ज जोगिंदर पाल सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि यहां अभी ही सारे लंगर में एक बार में लगभग 5000 लोग लंगर छक रहे हैं अभी यहां देश विदेश से लाखों लोगों का आने का क्रम जारी है उन्होंने आगे बताया कि बड़े महाराज जी जालंधर से 21 तारीख को चलेंगे और 22 को यहां पहुंचेंगे उनके साथ लाखों की तादाद में श्रद्धालु भी आ रहे हैं।


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