गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने हेतु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आह्वान पर हुआ सांकेतिक प्रदर्शन

चारो पीठों के शंकराचार्यों से समर्थित गौमाता राष्ट्रमाता महाअभियान के अग्रिम क्रम में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोवंश हत्या मुक्त भारत बनाने हेतु राष्ट्रीय अहिंसक आंदोलन के रूप में 10 मार्च को 10 मिनट हेतु आंशिक भारत बंद आह्वान किया गया था।जिसके तहत काशीवासी गौभक्त अपने अपने प्रतिष्ठानों,व घरों से बाहर निकल कर सड़को व गलियों में बाहर निकल कर गौमाता राष्ट्रमाता का जयघोष किया।लंका,श्रीविद्यामठ सहित पूरे काशी में  सांकेतिक प्रदर्शन हुआ।

शंकराचार्य जी महाराज के आह्वान के अनुपालन में सैकड़ों गौभक्तों ने लंका स्थित मालवीय मूर्ति पर 10 बजे एकत्र होकर 10 मिनट तक शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के नेतृत्व में गौमाता राष्ट्रमाता का उद्घोष किया और भारत सरकार से गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने व गौकशी बन्द कराने की एक स्वर में मांग की।सभा की अध्यक्षता करते हुए डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी ने कहा कि देश की आजादी के समय से ही गोकशी बन्द करने हेतु आंदोलन चलता रहा है।1966 में धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में लाखों सन्तों ने संसद भवन पर प्रदर्शन किया और सैकड़ों सन्तों ने बलिदान दिया था।अब ज्योतिष्पीठाधीश्वर महाराज के नेतृत्व में गौकशी बंद कराने व गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु जो आंदोलन शुरू हुआ है वो अब गोकशी बंद कराकर और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराकर ही समाप्त होगा।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साकेत शुक्ला, कीर्ति हजारी शुक्ला, सुनील उपाध्याय, सुनील शुक्ला, अजित मिश्रा आदि लोग सम्मलित थे।


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