पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के चलते बसंत ऋतु में हुए बदलाव

पर्यावरण में हो रहे बदलाव का दुष्प्रभाव अब किसी से छुपा नहीं है। पर्यावरण का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों की माने तो इस बार सर्दियों पर जलवायु परिवर्तन का ऐसा प्रभाव पड़ा है। जिसके चलते बसंत ऋतु ही गायब हो गई है। क्लाइमेट कंट्रोल के गहन अध्ययन में देश के 34 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मौसम पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव सामने आए हैं। विश्व में जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। 

जलवायु में बदलाव के दुष्प्रभाव दिखने लगे हैं और अब आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। एक ताजा रिपोर्ट में पर्यावरण का अध्ययन करने वाली संस्था क्लाइमेट सेंट्रल ने विशेषज्ञों और आंकड़ों के हवाले से कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में ऋतुओं में बदलाव देखा जा रहा है।सर्दी के मौसम पर यह विशेष रूप से दिख रहा है। कहीं सर्दी में तापमान बढ़ रहा है तो कहीं कम हो रहा है। कई लोग तो यह भी कहने लगे हैं कि सर्दी के बाद आने वाली बसंत ऋतु मानो गायब सी हो रही है‌। डा. एंड्रयू परशिंग, वाइस प्रेसिडेंट-साइंस क्लाइमेट सेंटर का कहना ‌है कि मध्य और उत्तर भारतीय राज्यों में जनवरी में तापमान में कमी के बाद फरवरी में तेजी से बढ़ता तापमान सर्दी से बसंत की तरह की स्थिति की ओर बढ़ने के प्रभाव की ओर स्पष्ट संकेत करता है। कोयला और तेल का ईंधन के तौर पर प्रयोग करके लोगों ने भारत में हर मौसम में धरती के तापमान को बढ़ा दिया है।

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