चुनाव प्रक्रिया के दौरान आम बैंक खातों से एक लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेन-देन पर भी चुनाव आयोग की नजर रहेगी। ऐसे बैंक खाते जिनमें एक लाख रुपये जमा या निकासी हुई । पिछले दो माह में इतनी राशि का लेन-देन न हुआ तो इसकी जांच जिला निर्वाचन अधिकारी कर सकते हैं। साथ ही आयकर विभाग को भी ऐसे खातों की जांच सौंपी जाएगी और संबंधित खाताधारक से गहन पूछताछ हो सकती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो चुनाव के दौरान तमाम बैंक खाते खुलते हैं।
जो चुनाव समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे बंद कर दिये जाते हैं। इतना ही नहीं, चुनाव लड़ने वाले लोग अपने परिवार, नातेदार-रिश्तेदार या फिर शुभचिंतकों के बैंक खाते का भी इस्तेमाल नकद जमा व निकासी की खातिर करते हैं। ऐसे बैंक खातों पर भी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत पैनी नजर रखी जाएगी। इतना ही नहीं विभिन्न व्यक्तियों के खाते में किसी एक ही बैंक खाते से आरटीजीएस के माध्यम से रुपये जमा कराने की स्थिति में भी उस खाते के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। इसके अलावा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध अभ्यर्थियों की तरफ से दाखिल हलफनामे में लिखे नामों उनके पति या पत्नी या उनके आश्रितों के बैंक खाते से एक लाख रुपये से ज्यादा की नगद जमा व निकासी पर पूछताछ हो सकती है। साथ ही किसी राजनैतिक दल के खाते में एक लाख रुपये से अधिक नगद जमा और निकासी जांच के दायरे में हो सकती है।