काशी में धार्मिक गरिमा और पूजन परंपरा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मणिकर्णिका घाट स्थित 325 वर्ष पुराने सतुआ बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा ने सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा के खिलाफ चौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि अजय शर्मा ने बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी।यह टिप्पणी 13 जुलाई की शाम 5:26 बजे फेसबुक पर की गई थी। बाबा संतोष दास ने अपनी शिकायत में कहा कि वह विष्णुसंप्रदाय के जगद्गुरु पीठ के पीठाधीश्वर हैं और धार्मिक परंपरा के तहत उन्होंने निर्वाणी अखाड़ा अयोध्या के महंत को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए गर्भगृह में ले जाने का कार्य किया था।
महंत पहली बार काशी आए थे और संकल्प के तहत जलाभिषेक करना चाहते थे।
बाबा का पक्ष:
"हम सनातनी हैं, पूजन और मंदिरों में प्रवेश हमारा धार्मिक अधिकार है। सावन में भीड़भाड़ को लेकर व्यवस्था बनाना प्रशासन का काम है, लेकिन धर्म पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी," सतुआ बाबा ने कहा।
पुलिस कार्रवाई:
थाना चौक प्रभारी विमल कुमार मिश्रा के अनुसार, सतुआ बाबा की तहरीर पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) और 352 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई प्रचलित है।
अजय शर्मा का विवादों से नाता:
यह कोई पहला मौका नहीं है जब अजय शर्मा विवादों में फंसे हैं। साल 2024 में काशी के मंदिरों से साईं प्रतिमाएं हटाने के अभियान को लेकर वह जेल भी जा चुके हैं। उस समय मंदिर के एक पुजारी को धमकी देने और ज़बरदस्ती प्रतिमा हटवाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।